यहाँ दर्द के साये में भी खुशियों की महफ़िल सजाई जाती है। यहाँ दर्द के साये में भी खुशियों की महफ़िल सजाई जाती है।
केबीसी की एक कहानी, कविता बनकर प्रस्तुत है ! तो आइए पढ़ते हैं, जानें तो यह कितनी अद्भुत है...? केबीसी की एक कहानी, कविता बनकर प्रस्तुत है ! तो आइए पढ़ते हैं, जानें तो यह कितनी ...
तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं। तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं।
फैली है चारो तरफ, जन जन में जो दूरी आपसी ईर्ष्या द्वेष, तू ही जरा कम कर दे। फैली है चारो तरफ, जन जन में जो दूरी आपसी ईर्ष्या द्वेष, तू ही जरा कम कर दे।
रौशन दुआ का अलग अंदाज तेरा है। रौशन दुआ का अलग अंदाज तेरा है।
क्यों यह बात किसी ने बताई नहीं और मां ने भी समझाई नहीं। क्यों यह बात किसी ने बताई नहीं और मां ने भी समझाई नहीं।